नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो देवी माँ दुर्गा की उपासना को समर्पित है। इस पर्व में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त उपवास, कीर्तन और अनुष्ठान करके माँ शक्ति की कृपा प्राप्त करते हैं।
📅 नवरात्रि 2025 कब से शुरू है?
Year 2025 January 22, 2025 (सोमवार) से होगी और इसका समापन January 30, 2025 (मंगलवार) को विजयादशमी (दशहरा) पर होगा।
See More की पूजा की जाती है:
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शैलपुत्री
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ब्रह्मचारिणी
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चंद्रघंटा
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कूष्मांडा
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स्कंदमाता
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कात्यायनी
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कालरात्रि
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महागौरी
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सिद्धिदात्री
🪔 नवरात्रि पूजा विधि
नवरात्रि में पूजा का आरंभ कलश स्थापना (घट स्थापना) से होता है। पूजा विधि इस प्रकार:
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कलश स्थापना – भरा कलश रखकर, उस पर नारियल और आम के पत्ते रखे जाते हैं।
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माँ दुर्गा की प्रतिमा/चित्र की स्थापना – स्वच्छ स्थान पर लाल कपड़े पर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
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संध्या वंदन और दीप प्रज्ज्वलन – सुबह-शाम घी/तेल का दीपक जलाएं।
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दुर्गा सप्तशती, चंडी पाठ या देवी कवच का पाठ – नौ दिनों तक करें।
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भोग अर्पण – प्रत्येक दिन देवी को फल, मिठाई, नारियल, दूध या पंचामृत का भोग लगाएं।
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कन्या पूजन – कराकर दक्षिणा और उपहार दें।
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नवरात्रि के दौरान उपवास और पूजा से आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति मिलती है। This is what you say:
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आध्यात्मिक लाभ: माँ दुर्गा की उपासना से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जी है।
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स्वास्थ्य लाभ: तंत्र को आराम मिलता है।
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मानसिक शांति: मंत्र जाप और ध्यान से मन को एकाग्रता और शांति प्राप्त होती है।
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धन और समृद्धि: दुर्गा माँ की कृपा से घर में सुख-समृद्धि और वैभव का वास होता है।
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संतान सुख और वैवाहिक जीवन:स्कंदमाता और कात्यायनी की पूजा से संतान सुख और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
Navratri 2025 केवल धार्मिक पर्व ही ख आत्मशुद्धि और शक्ति की आराधना का पर्व है। यदि सही विधि से माँ दुर्गा की पूजा और व्रत किया जाए तो जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और आत्मबल की वृद्धि होती है।
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